दीपावली - प्रकाश का त्योहार
दीपावली - प्रकाश का त्योहार:
दीपावली भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है जो हिन्दुओं, सिखों, जैनों और कुछ बौद्धों द्वारा मनाया जाता है। यह "प्रकाश का त्योहार" है और यह प्रकाश की जीत, अंधकार पर विजय, अच्छाई पर बुराई की विजय और अज्ञान पर ज्ञान की जीत को सूचित करता है। दीवाली को पांच दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें प्रत्येक दिन का अपना महत्व और आचरण होता है।
दीवाली के दौरान, लोग अपने घरों को दीपों, मोमबत्तियों और रंगीन रंगोली पैटर्न से सजाते हैं। वे पटाखे जलाते हैं, दोस्तों और परिवार के बीच उपहार और मिठाई का आदान-प्रदान करते हैं। यह घरों की सफाई और मरम्मत का समय होता है, नए कपड़े पहनने और विशेष त्योहारी भोज की तैयारी करने का होता है।
दीपावली की कथा :
दीपावली की कथा मुख्य रूप से भारतीय संस्कृति में महत्त्वपूर्ण है। विभिन्न धार्मिक परंपराओं में, दीपावली का अद्भुत महत्व होता है। यहां दीपावली की विभिन्न कथाएँ होती हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध कथा भगवान राम, सीता, और लक्ष्मण की है।
रामायण के अनुसार, भगवान राम, माता सीता, और भाई लक्ष्मण चित्रकूट पर्वत में रहते थे। एक समय असुर राजा रावण ने माता सीता को हरने के लिए उन्हें अपहरण कर लिया। राम, जिन्होंने धर्म के प्रति समर्पित था, अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए लंका नगर की ओर चले गए। राम की सेना ने रावण के साथ युद्ध किया और रावण को मार गिराया। उसके विजय की सूचना लंका नगर में दीपों की रोशनी से सूची गई।
राम, सीता, और लक्ष्मण अपने वनवास समाप्त होने पर अयोध्या वापस आए और लोगों ने उनका स्वागत करने के लिए अपने घरों को दीपों से सजाया। इसीलिए दीपावली को "प्रकाश का त्योहार" कहा जाता है। यह दिखाता है कि अच्छाई और सत्य की जीत हमेशा होती है और अंधकार, बुराई, और अज्ञान को हराया जा सकता है।
दीपावली की तिथि :
दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। इस साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रही है। इसका समापन 13 नवंबर, सोमवार की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर हो रहा है। हिंदू धर्म में वैसे तो उदया तिथि के आधार पर पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के समय करना शुभ होता है। प्रदोष काल की पूजा का समय 12 नवंबर को प्राप्त हो रहा है, इसलिए इस साल दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी।
दीपावली को मनाने के कई तरीके होते हैं। यह त्योहार प्रकाश का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और इसे खुशी, उत्साह, और बंधुत्व के साथ मनाया जाता है। यहाँ कुछ आम तरीके दिए गए हैं जिनसे आप दीपावली मना सकते हैं:
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घर को सजाना: घर को सजाने के लिए आप दीपों, रंगोली, और फूलों से सजा सकते हैं। यह त्योहारी भावना को बढ़ावा देता है और आपके घर को खुशहाली के साथ भर देता है।
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पटाखे जलाना: दीपावली पर पटाखे जलाना एक प्रमुख विशेषता होती है। हालांकि, पर्यावरण संरक्षण के लिए आप अधिक प्रदूषण न उत्पन्न करने के लिए पर्यावरण के बारे में भी सोच सकते हैं।
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पूजा और आराधना: मंदिर या घर में पूजा करना दीपावली का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि घर में सुख, समृद्धि और धन की वरदान हो सके।
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उपहार और मिठाई: दीपावली पर दोस्तों, परिवारजनों और पड़ोसियों को उपहार और मिठाई भेजना एक अच्छी परंपरा है।
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मिलना-जुलना: दीपावली को परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाने का भी एक महत्त्वपूर्ण अंश है। यह एक एकता और बंधुत्व का प्रतीक होता है।
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सामाजिक सेवाएँ: इस त्योहार पर किसी भी तरह की सामाजिक सेवाएं करना भी अच्छा होता है, जैसे कि गरीबों की मदद करना या अनाथालय में भोजन बाँटना।
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