जितिया पर्व

Oct 4, 2023 - 22:06
Oct 5, 2023 - 21:30
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जितिया पर्व
जितिया पर्व

जितिया पर्व :

जितिया पर्व, जिवितपुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो भारत के उत्तरी क्षेत्रों, विशेषकर झारखंड, बिहार, और उत्तर प्रदेश, जैसे राज्यों में महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इस त्योहार को बड़े भक्ति भाव से मनाया जाता है और इसे अपने बच्चों के लंबे जीवन और कल्याण के लिए समर्पित किया जाता है।

जितिया पर्व की मुख्य विशेषताएँ:

  1. तिथि: जितिया पर्व आमतौर पर हिन्दू पंचांग के आश्विन मास के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन (अष्टमी) को मनाया जाता है। इस त्योहार का आयोजन तीन दिनों के अंदर किया जाता है, जिसमें प्रमुख आयोजन दूसरे दिन होते हैं। इस 2023 में जितिया व्रत 6 अक्टूबर को रखा जाएगा. अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर 7 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगी. 6 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा.

  2. उपवास: इस दिन, महिलाएं दिनभर उपवास करती हैं और भोजन और पानी से बचती हैं। उपवास को केवल विशेष रीति-रिवाजों के बाद टूटता है और प्रार्थनाएँ करने के बाद होता है।

  3. रीति-रिवाज: प्रमुख रीति-रिवाजों में गन्ना ( इक) को घास, फूल, और अन्य बलियां दी जाती हैं। प्रमुख रीति-रिवाजों में मिट्टी का एक प्रतिष्ठान बनाना शामिल है, जिस पर भगवान विष्णु या भगवान शिव की प्रतिमा बनाई जाती है।इस प्रतिमा को पानी, दूध, फल, और अन्य खाद्य पदार्थों की आहुतियाँ देती हैं।

  4. प्रार्थनाएँ: महिलाएं अपने बच्चों के लंबे जीवन और कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं। वे भी अपने परिवार के समृद्धि और खुशियों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

  5. कथा और पौराणिक महत्व: जितिया पर्व का मूल महत्व एक ब्राह्मण महिला जिवती की कथा से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने अपने मरे हुए पुत्र को जीवित करने के लिए कठिन तपस्या की थी। मृत्यु देवता यम को उनके भक्ति पर प्रसन्न हो गया और उन्हें एक वरदान दिया, अपने पुत्र को पुनः जीवित करके। इस घटना का माना जाता है कि इस त्योहार का आयोजन हुआ।

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Madhuri Mahto I am self dependent and hard working. Knowledge sharing helps to connect with others , It is a way you can give knowledge without any deprivation.